लोकसभा चुनाव में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा लगी दांव पर, विधायक पद के दावेदार बहा रहे है पसीना

चतरा लोकसभा चुनाव में सिमरिया विधानसभा के कई माननीयों की प्रतिष्ठा लगी दांव पर

विधायक किशुन दास, मनोज चंद्रा व अन्य अपने प्रत्याशियों के जीत के लिए बहा रहे हैं पसीना

जीतेंद्र पत्थलगडिया/चेतन पाण्डेय: चतरा लोकसभा चुनाव में इस बार 22 प्रत्याशी मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कालीचरण सिंह और महागठबंधन के प्रत्याशी केएन त्रिपाठी के बीच में है। दोनों में आमने सामने का मुकाबला बताया जा रहा है। चतरा लोकसभा के सिमरिया विधानसभा क्षेत्र में दोनों प्रत्याशियों के जीत के लिए कई लोग जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। सिमरिया में भाजपा और कांग्रेस की जीत के दारोमदार विधानसभा के भावी दावेदारों व प्रत्याशी के हाथों में है। भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी के जीत के लिए सिमरिया विधायक किशुन कुमार दास और झामुमो नेता मनोज चंद्रा की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता भी सिमरिया में महागठबंधन को बढ़त दिलाने के लिए लगे हुए हैं। सभी अपने प्रत्याशियों के जीत के लिए लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं और जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। वहीं भाजपा प्रत्याशी के जीत के लिए भाजपा नेता विनोद बिहारी पासवान, भाजपा से पूर्व प्रत्याशी रहे उज्जवल दास, सुजीत भारती और अनुसूचित जाति मोर्चा भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता जीतन राम समेत अन्य की भी प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है। सभी अपने प्रत्याशियों के पक्ष में लगातार कंपेनिंग कर रहे हैं। वे अपने प्रत्याशियों के जीत से विधानसभा में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। वैसे तो झारखंड में विधानसभा चुनाव अभी नहीं है लेकिन लोकसभा के बहाने यहां विधानसभा की रणनीति तैयार की जा रही है। मालूम है कि सिमरिया विधानसभा में लोकसभा चुनाव के लिए 375253 मतदाता है। जिसमें 193181 पुरुष और एक लाख 83 हजार 72 महिला मतदाता है। सिमरिया विधानसभा में सिमरिया, लावालौंग, टंडवा, पत्थलगड़ा, गिद्धौर, इटखोरी और मयूरहंड प्रखंड आता है। वैसे पौने चार लाख मतदाताओं वाले सिमरिया विधानसभा क्षेत्र में सांसद पद के 22 प्रत्याशियों साथ आने वाले विधानसभा चुनाव में भी कई लोगों की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी।

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