कभी अमिताभ बच्चन ने केबीसी में उठाया था प्रश्न, यहां जीतने वाले कभी लौटकर नहीं आते

पूर्व सांसदों का क्षेत्र से कोई लगाव नहीं, आज चर्चाओं के बाजार से भी हैं गायब

चतरा में अब तक प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व सांसदों का इस बार यहां नहीं है कोई चर्चा

लगातार 10 साल तक चतरा का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा सांसद सुनील कुमार सिंह भी हैं लापता, अपने दल के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार-प्रसार के लिए भी नहीं पहुंचे चतरा

चतरा/झारखंड (जीतेंद्र तिवारी) : केबीसी में कभी इस सीट की चर्चा हुई थी। लोकसभा चुनाव को लेकर चतरा में राजनीतिक सरगरमी तेज है। आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। प्रत्याशियों के द्वारा मंच, बैठकें, सभा से लेकर डोर टू डोर कंपैंनिंग की जा रही है। पक्ष और विपक्ष के नारे और राजनीतिक समीकरण से आम लोग भी उलझे हुए हैं। लोकसभा चुनाव के लिए चतरा में 20 मई को वोट डाले जाएंगे। इस बार 22 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। भाजपा और कांग्रेस यहां आमने-सामने है। तीसरे समीकरण के लिए बसपा व अन्य दल लगे हुए हैं। झारखंड का प्रवेश द्वार माने जाने वाला चतरा राज्य के सबसे छोटा संसदीय सीट है। नये सांसद के चुनाव के लिए जोर आजमाइश की जा रही है लेकिन चतरा में अब तक प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व सांसदों का इस बार यहां कोई चर्चा नहीं हो रहा है। किसी भी मंच या दल के द्वारा उनके उपलब्धि को मतदाताओं के बीच नहीं रखा जा रहा है।

लगातार 10 साल तक चतरा का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा सांसद सुनील कुमार सिंह एक बार भी अपने दल के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार प्रसार के लिए चतरा नहीं पहुंचे। वे 2014 से लेकर अब तक सांसद रहे हैं। इस बार उनका टिकट कट गया है। इस चुनाव में विपक्षी जहां उनके कार्यों को लेकर निशाना बना रहे हैं। वहीं भाजपा की ओर से इस बार स्थानीयता का मुद्दा को लेकर प्रत्याशी कालीचरण सिंह के लिए प्रचार प्रसार किया जा रहा है। 2009 में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी चतरा संसदीय सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और जीते। 5 वर्षों तक वे सांसद के पद पर रहे। पूर्व सांसद धीरेंद्र अग्रवाल 11वीं, 12वीं और 14वीं लोकसभा के सदस्य रहे हैं। राजद और भाजपा के टिकट पर उन्होंने तीन बार चतरा से प्रतिनिधित्व किया। राज्यसभा सांसद धीरज साहू चतरा सीट से कई बार भाग्य आजमाएं लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। इन दिनों में ईडी के जाल में फंसे हुए हैं और चुनावी प्रक्रिया से दूर हैं। पिछले चुनाव में राजद नेता सुभाष यादव और कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज यादव चुनाव लड़े। इस बार पूर्व सांसद और पूर्व में सांसद के दावेदार रहे चतरा लोकसभा सीट से ना तो किसी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं और नहीं क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। हालांकि चतरा से दो बार प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि इस बार बसपा के टिकट पर फिर से भाग्य आजमा रहे हैं। ऐसे में लोगों का मानना है कि जिन्होंने कभी चतरा का प्रतिनिधित्व किया वे चतरा से दूरी बना लिए हैं। ऐसे में यह भी चर्चा है कि यहां से चुनाव लड़कर जो जीते हैं वे कभी लौट के नहीं आते।

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