चतरा लोकसभा: कभी आरजेडी का था दबदबा, 2014 की मोदी लहर में खिला ‘कमल’

1984 में अंतिम बार कांग्रेस ने इस सीट पर दर्ज की थी जीत, फिर नहीं मिला कभी मौका

चेतन पाण्डेय

चतरा/झारखंड: चतरा लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में लगातार दो बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है। इससे पहले यहां आरजेडी का भी दबदबा रहा है। हालांकि इस बार के चुनावी महासंग्राम में जीत किसकी होगी यह तो जनता तय करेगी। वैसे चतरा में कभी मौर्य वंश का शासन हुआ करता था। यहां का इतिहास देखें तो उसमें मुगलों का भी जिक्र आता है। हालांकि वर्तमान में यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित रहा है। 1991 में इसे जिले का दर्जा दिया गया था। इससे पहले यह हजारीबाग का हिस्सा हुआ करता थ। लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां से 2019 के चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। इस चुनाव में बीजेपी के सुनील कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी मनोज कुमार यादव को 3 लाख 77 हजार वोटों के बड़े अंतर से शिकस्त दी थी। इससे पहले 2014 के चुनाव में भी सुनील कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी।

यहां चुनावी इतिहास को टटोलें तो चतरा लोकसभा सीट पर 1957 में पहला चुनाव हुआ था। उस समय विजया राजे छोटा नागपुर संथाल परगना जनता पार्टी के टिकट पर सांसद चुनी गईं थी। इसके बाद विजया राजे 1961 और 1967 में भी लगातार जीत दर्ज करती रहीं। 1971 में यहां से कांग्रेस के शंकर दयाल सिंह ने बाजी मारी और लोकसभा पहुंचे थे। फिर 1977 में जनता पार्टी के सुखदेव प्रसाद वर्मा, 1980 में कांग्रेस (आई) के रणजीत सिंह और 1984 में कांग्रेस के योगेश्वर ने इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।इसके बाद 1989 और 1991में जनता दल के उपेन्द्र नाथ वर्मा ने लगातार दो बार इस सीट पर जीत हासिल की। फिर बीजेपी के धीरेंद्र अग्रवाल 1996 और 1998 में लगातार दो बार सांसद चुने गए। हालांकि 1999 में यहां आरजेडी ने कब्जा जमा लिया। इस सीट से नागमणि सांसद चुने गए थे। वहीं 2004 में आरजेडी ने धीरेंद्र अग्रवाल को लड़ाया और उन्होंने जीत हासिल की। वहीं 2009 में निर्दलीय प्रत्याशी इंदर सिंह नामधारी चुनाव जीते थे। जबकि 2014 और 2019 में बीजेपी के सुनील कुमार सिंह लगातार दो बार लोकसभा पहुंचे।

कब किसने मारी बाजी

1957 – विजया राजे – छोटा नागपुर संथाल परगना जनता पार्टी
1962 – विजया राजे – निर्दलीय
1967 – विजया राजे – निर्दलीय
1971 – शंकर दयाल सिंह – कांग्रेस
1977 – सुखदेव प्रसाद वर्मा – जनता पार्टी
1980 – रणजीत सिंह – कांग्रेस (आई)
1984 – योगेश्वर प्रसाद योगेश – कांग्रेस
1989 – उपेन्द्र नाथ वर्मा – जनता दल
1991 – उपेन्द्र नाथ वर्मा – जनता दल
1996 – धीरेंद्र अग्रवाल – भाजपा
1998 – धीरेंद्र अग्रवाल – भाजपा
1999 – नागमणि – आरजेडी
2004 – धीरेंद्र अग्रवाल – आरजेडी
2009 – इंदर सिंह नामधारी – निर्दलीय
2014 – सुनील कुमार सिंह – भाजपा
2019 – सुनील कुमार सिंह – भाजपा

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