2027 तक देश को दलहन उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है: अमित शाह
मोदी सरकार के प्रयासों से 2014 के बाद से दलहन उत्पादन में हो रही हैं वृद्धि: अर्जुन मुंडा
नई दिल्ली: विज्ञान भवन में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक समारोह में तूर के किसानों के पंजीकरण, खरीद, भुगतान के लिए ई-समृद्धि व एक अन्य पोर्टल लोकार्पित किया। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) तथा भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारिता संघ (एनसीसीएफ) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के अवसर पर दलहन में आत्मनिर्भरता पर राष्ट्रीय संगोष्ठी भी आयोजित हुई। यहां केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, सहकारिता राज्यमंत्री बी.एल, वर्मा विशेष अतिथि थे। इसमें किसान एवं पैक्स, एफपीओ, सहकारी समितियों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद थे। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि ये पोर्टल के जरिए ऐसी शुरूआत की है, जिससे नेफेड व एनसीसीएफ के माध्यम से किसानों को एडवांस में रजिस्ट्रेशन कर तूर दाल की बिक्री में सुविधा होगी, उन्हें एमएसपी या फिर इससे अधिक बाजार मूल्य का डीबीटी से भुगतान हो सकेगा। इस शुरूआत से आने वाले दिनों में किसानों की समृद्धि, दलहन उत्पादन में देश की आत्मनिर्भरता और पोषण अभियान को भी मजबूती मिलती दिखेगी। श्री शाह ने कहा कि दलहन के क्षेत्र में देश आज आत्मनिर्भर नहीं है, लेकिन हमने मूंग व चने में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दलहन उत्पादक किसानों पर बड़ी जिम्मेदारी डाली है कि वर्ष 2027 तक दलहन के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर हों। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि किसानों के सहयोग से दिसंबर 2027 से पहले दलहन उत्पादन के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन जाएगा और देश को एक किलो दाल भी आयात नहीं करना पड़ेगी। दलहन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहकारिता मंत्रालय और कृषि मंत्रालय सहित अन्य पक्षों की कई बैठकें हुई हैं, जिनमें लक्ष्य प्राप्ति की राह में आने वाली बाधाओं पर चर्चा की गई है। उन्होंने विश्वास जताया कि देश को आत्मनिर्भर बनाने में किसान कोई कसर नहीं छोड़ेगा। देश का बहुत बड़ा हिस्सा आज भी शाकाहारी है। जिनके लिए प्रोटीन का बहुत महत्व है। जिसका दलहन प्रमुख स्रोत है। कुपोषण के खिलाफ देश की लड़ाई में भी दलहन उत्पादन का बहुत महत्व है। भूमि सुधार हेतु भी दलहन महत्वपूर्ण फसल है क्योंकि इसकी खेती से भूमि की गुणवत्ता बढ़ती है। भूजल स्तर को बनाए रखना और बढ़ाना है तो ऐसी फसलों का चयन करना होगा, जिनके उत्पादन में पानी कम इस्तेमाल हो, दलहन इनमें है। दलहन एक प्रकार से फर्टिलाइजर का एक लघु कारखाना आपके खेत में ही लगा देती है। उन्होंने कहा कि बीते 9 साल में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में खाद्यान्न उत्पादन में बहुत बड़ा बदलाव आया है। वर्ष 2013—14 में खाद्यान्न उत्पादन कुल 265 मिलियन टन था और 2022—23 में यह बढ़कर 330 मिलियन टन तक पहुंच चुका है। आजादी के बाद के 75 साल में किसी एक दशक का विश्लेषण करें तो सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी मोदीजी के नेतृत्व में देश के किसानों ने की है। श्री शाह ने कहा कि इसके साथ ही इथेनॉल उत्पादन भी हमें बढ़ाना है। पीएम मोदी ने पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा है। 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाना है तो हमें इसके लिए लाखों टन इथेनॉल का उत्पादन करना है। नेफेड व एनसीसीएफ इसी पैटर्न पर आगामी दिनों में मक्के का रजिस्ट्रेशन चालू करने वाले हैं, जो किसान मक्का बोएगा, उसके लिए सीधा इथेनॉल बनाने वाली फैक्ट्री के साथ एमएसपी पर मक्का बेचने की व्यवस्था कर देंगे, जिससे उनका शोषण नहीं होगा और पैसा सीधा बैंक खाते में जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे आपका खेत मक्का उगाने वाला नहीं, बल्कि पेट्रोल बनाने वाला कुंआ बन जाएगा। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, किसान हित में अनेक ठोस कदम उठाते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों द्वारा कृषि क्षेत्र को सतत् बढ़ावा दे रही है, जिनमें दलहन में देश के आत्मनिर्भर होने का लक्ष्य अहम है, जिस पर कृषि मंत्रालय भी तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि दलहन की क्षमता खाद्य एवं पोषण सुरक्षा तथा पर्यावरणीय स्थिरता का समाधान करने में मदद करती है, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2016 को अंतरराष्ट्रीय दलहन वर्ष की घोषणा के माध्यम से भी स्वीकार किया गया है। दलहन स्मार्ट खाद्य हैं क्योंकि ये भारत में फूड बास्केट व प्रोटीन का महत्वपूर्ण स्रोत हैं। दालें पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती हैं। नेफेड अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह, एनसीसीएफ अध्यक्ष श विशाल सिंह, केंद्रीय सहकारिता सचिव ज्ञानेश कुमार, उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह व कृषि सचिव मनोज अहूजा भी मौजूद थे। नेफेड एमडी रितेश चौहान स्वागत भाषण दिया। एनसीसीएफ एमडी सुश्री ए. चंद्रा ने आभार माना।