रांची (झारखंड): इस बार झारखंड में पाला और दल बदलने वाले नेताओं को जनता ने नए सिरे से खारिज कर दी है। लोकसभा चुनाव के परिणाम लगभग साफ हो गये हैं। संसद पहुंचने की चाह में पाला बदलने वाले नेताओं को जनता ने नकार दिया है। अपनी पुरानी पार्टी छोड़ कर दूसरे दल का दामन थाम कर चुनाव लड़ने वालों में कोई भी जीत की मंजिल तक नहीं पहुंच सका। पाला बदलने वालों में सीता सोरेन, जेपी पटेल, गीता कोड़ा, चमरा लिंडा और लोबिन हेम्ब्रम शामिल हैं। दुमका से सीता सोरेन ने झामुमो छोड़ भाजपा का दामन थामा था। वहीं हजारीबाग से जेपी पटेल भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे। जबकि सिंहभूम से गीता कोड़ा ने कांग्रेस छोड़ भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वहीं बिशुनपुर के झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कर चुनाव को रोमांचक बना दिया था लेकिन अंततः हार का स्वाद चखना पड़ा। झामुमो विधायक (अब निष्कासित) लोबिन हेम्ब्रम ने झामुमो से नाराज होकर राजमहल सीट से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे और हार का सामना करना पड़ा। इस बार दलबदलुओं को मोदी मैजिक या इंडिया गठबंधन में एकजुटता का लाभ नहीं मिला।