हजारों लोगों ने किया प्रसिद्ध बलबल गर्म कुंड में स्नान

25 हजार श्रद्धालुओं ने किया बलबल गर्मकुंड में स्नान, प्राचीन बागेश्वरी मंदिर में की पूजा अर्चना

एक पखवाड़ा तक चलेगा मेला, देश के कई राज्यों के पहुंचे पशु व्यापारी

चेतन पाण्डेय

चतरा : मकर संक्रांति के मौके पर लगने वाले सुप्रसिद्ध बलबल पशु मेला में दूसरे दिन सोमवार को लोगों के अपार भीड़ उमड़ी। पहले दिन अहले सुबह से देर शाम तक गर्म कुंड में स्नान ध्यान व मां बागेश्वरी की पूजा अर्चना में लोग व्यस्त रहे। मकर संक्रांति के मौके पर सोमवार को सुबह से लेकर देर शाम तक चूड़ा और तिलकुट का दौर चलता रहा। मकर संक्रांति के मौके पर बलबल स्थित गर्मकुंड में करीब 25 हजार से अधिक महिला, पुरुष श्रद्धालुओं ने स्नान किया। वही सुप्रसिद्ध बलबल पशु मेले में मकर संक्रांति के दिन लाखों की खरीद बिक्री हुई। दिन भर मेला में लोगों की भीड़ लगी रही। गर्मकुंड में स्नान व प्राचीन मंदिर में पूजा के लिए के लिए यहां झारखंड, समेत बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों से भी लोग पहुंचे। मेला में इस बार मौत का कुआं, ब्रेक डांस, आर्केस्ट्रा, विभिन्न प्रकार के झूला, हिंडोला वह अन्य मनोरंजन के साधन लगाए गए हैं। यहां खासकर पशुओं की अधिक खरीद बिक्री होती है। यह मेला पशु मेला के नाम से सुप्रसिद्ध है। यहां पशु की बिक्री के लिए देश के कई राज्यों के प्रसिद्ध पशु व्यापारी पहुंचते हैं। इस बार मिला में सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई है। पूरे मेले परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। मंदिर प्रबंधन समिति और मेला समिति के लोग हर विधि व्यवस्था पर स्वयं नजर बनाए हुए हैं। शांतिपूर्ण विधि व्यवस्था के लिए स्थानीय प्रशासन का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। चतरा और हजारीबाग के सीमाना पर फल्गु की सहायक नदी उत्तर वाहिनी महाने के तट पर लगने वाले यह मेला लगभग एक पखवाड़ा तक चलेगा। स्नान दान का महापर्व मकर संक्रांति के मौके पर लगने वाला इस मेला में प्रत्येक दिन लाखों रूपये के सामानों व पशुओं की बिक्री होती है। मकर संक्रांति को लेकर सोमवार को यहां प्राचीन मां बागेश्वरी मंदिर में पूजा अर्चना के लिए दिनभर श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। लोग बारी-बारी से मां बागेश्वरी की पूजा-अर्चना कर मन्नतें मांगी। सोमवार को मेल में काफी भीड़ होने के कारण कई बच्चे अपने परिजनों से बिछड़ कर मेला में खो गए। मेला समिति की ओर से लगाए गए सूचना केंद्र से दिनभर बच्चे एवं लोगों के मेला में गुम होने की सूचनाओं प्रसारित होती। हालांकि मेला समिति और मंदिर प्रबंधन समिति के लोग यहां पहुंचने वाले लोगों की सुगमता और सुलभता के लिए सुबह से देर शाम तक तत्पर रह रहे हैं।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *