वायरल एसडीपीओ अशोक प्रियदर्शी के तबादले से मायूसी, पब्लिक फ्रेंडली के रूप में थी प्रसिद्धि

सिमरिया से अशोक कुमार की रिपोर्ट: सिमरिया में एसडीपीओ अशोक प्रियदर्शी का कार्यकाल शानदार और सराहनीय रहा। एसडीपीओ यहां लगभग 3 वर्ष रहे और कई उपलब्धियां हासिल की। उनके कार्यकाल में जिला और प्रखंड में चार बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दौरा हुआ और सभी दौरा सफल रहा। एसडीपीओ प्रशासनिक मामले में जहां सख्त रहे वहीं सामाजिक मामले में अत्यंत मधुर। यही कारण है कि आम लोगों से उनका संबंध आत्मीय रहा। एसडीपीओ ने ट्रैफिक रूल के पालन करवाने में बेमिसाल काम किया। उन्होंने इस कार्य में कई अनूठा प्रयोग किया जो सफल रहा। ट्रैफिक रूल का पालन करवाने में उन्होंने सख्ती के बजाय जागरूकता को प्राथमिकता दी जो आम लोगों के दिल में उतर गई। उनका डायलॉग कि- “सुधर जाओ नहीं तो नप जाओगे”। काफी लोकप्रिय हुआ।

एसडीपीओ आदिम जातियों में काफी लोकप्रिय रहे। उनकी झलक पाते हैं आदिम जनजाति के लोग उनके पास दौड़े चले आते थे। एसडीपीओ का उनका हाल-चाल पूछना, उनके बच्चों के बीच ट्रॉफी बांटना। पठन पठान सामग्री बताकर उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित करना, ठंड में उनके घर जाकर कंबल देना और अपने जन्मदिन पर उनके बीच जाकर केक काटना उनके शानदार व्यक्तित्व को प्रदर्शित करता है। अनुमंडल क्षेत्र में कोई भी सामाजिक अथवा धार्मिक कार्य हुआ एसडीपीओ ने सभी में शिरकत की और उनके साथ घुल मिलकर काम किया। सिमरिया के आम लोग उनके द्वारा किए गए क्रियाकलाप को हमेशा याद रखेंगे। उनके स्थानांतरण से आम लोगों में उदासी है। मैं उनके सम्मान, यश और कृति में निरंतर वृद्धि की कामना कर रहे हैं।

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