प्राचीन फल्गु नदी को किया जायेगा पुनर्जीवित, तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू
चतरा का बेलगडा गांव है फल्गु का उद्गम स्थल, झारखंड और बिहार के कई जिलों से गुजरती है यह नदी
जीतेंद्र पत्थलगडिया
चतरा: प्राचीन पवित्र व धार्मिक फल्गु नदी को पुनर्जीवित किया जाएगा। सरकारी स्तर पर इसकी पहल की जा रही है। फिलहाल लोगों को नदी के पुनर्जीवित के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। उसके बाद योजनाओं के माध्यम से नदी को पुनर्जीवित किया जाएगा। झारखंड के बेलगडा में फल्गु नदी का उद्गम स्थल है। नदी यहां से निकलकर गया में फल्गु के नाम से प्रसिद्ध हुई है। यह वही नदी है जहां माता सीता ने राजा दशरथ को मरणोपरांत श्राद्ध पिंड दान किया था। निरंजना (फल्गु) नदी को पुर्नजीवित करने को लेकर डीएमएफटी प्रशिक्षण सभाकक्ष में तीन दिवसीय कार्यशाला से शुरू हुआ। जिसमें प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, मुखिया, रोजगार सेवक सहित अन्य उपस्थित थे। प्रशिक्षण के दौरान यह बताया कि चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड अंतर्गत सवानो पंचायत में फल्गु नदी उद्गम स्थल है। इसे कैसे विकसित किया जाए। कैसे पुर्नजीवित किया जाए। इस पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के बाद उक्त स्थल का निरीक्षण कर इसके पुनर्जीवित करने के उपाय लगाए जाएंगे । इस दौरान छत्तीसगढ़ से आए तकनीक टेक्नीशियन के द्वारा फल्गु नदी को कैसे पुर्नजीवित किया जाए। इसकी जानकारी विस्तार पूर्वक दी गई। वीडियो के माध्यम से बताया गया कि कैसे सुखी हुई नदी को पुनर्जीवित किया जाए। इस मौके पर कई पदाधिकारी व पंचायत के मुखिया कार्यक्रम पदाधिकारी समिति उपस्थित थे। प्रशिक्षण में बताया गया कि सिमरिया प्रखंड के सवानो पंचायत में स्थित निरंजना नदी सुखी हुई हालत में है। उसे हर हाल में पुर्नजीवित किया जाय। इस पर विशेष पहल की जाएगी। ताकि जिस तरह से बिहार के गया में निरंजना नदी में पिंड करने पहुंचते हैं। इस तरह यह भी लोग पिंड करने पहुंचे और क्षेत्र को विकसित किया जा सके।