बालू उठाव का रोक लगाना ग्रामीणों को पड़ा महंगा, बालू माफियाओं ने रोका सार्वजनिक रास्ता

विवाद बढ़ने के बाद पहुंची पुलिस, बवाल कर रहे लोगों को हटाया

सिमरिया प्रखंड के सीमांत इलाके में भुराही नदी में बालू के उठाव को लेकर हुआ था विवाद

चतरा : बालू तस्करों व माफियाओं ने ग्रामीणों का आम रास्ता रोक दिया। कुछ घंटे तक ग्रामीण शीतलपुर व पत्थलगडा बाजार नहीं पहुंच पाये। दोनों पक्षों में विवाद बढ़ने के बाद पुलिस पहुंची और एक युवक को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि सिमरिया प्रखंड के सीमांत इलाके में भुराही नदी में बालू के उठाव को लेकर विवाद हुआ था।

गेंडवा तपसा गांव के कुछ ग्रामीण भुराही नदी से बालू के उठाव की सूचना के बाद पहुंचे थे। यहां आधा दर्जन ट्रैक्टर से बालू का उठाव हो रहा था। बालू के उठाव पर उन्होंने रोक लगा दी थी। इससे नाराज कुछ बालू माफिया और तस्कर भुराही नदी के उस पार शीतलपुर सीमाने में उक्त गांव के लोगों का आवागमन बंद कर दिया। बाइक को रास्ते में लगाकर उन्होंने इस रास्ते से ग्रामीणों के आवागमन को रोक दिया। जानकारी मिलने के बाद गेंडवा, तपसा, उरूब व अन्य गांव के काफी संख्या में लोग यहां पहुंचे तो दोनों पक्ष में विवाद हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि बालू तस्करी को बालू उठाव करने से रोका गया तो वे भड़क गए।

जिसके कारण बालू कारोबार से जुड़े कुछ लोग नाराज हो गए और उन्होंने सार्वजनिक रास्ता से आने जाने पर पाबंदी लगा दी। विवाद बढ़ने के बाद इसकी सूचना पत्थलगडा पुलिस को दी गई। पुलिस दलबल के साथ पहुंची और यहां उपस्थित लोगों को हटाया। पूछताछ के लिए एक युवक को हिरासत में लिया गया है। इस घटना से यहां तनाव का माहौल है। बताया जा रहा है कि भुराही नदी से बालू के उठाव को लेकर यहां बराबर ग्रामीण और बालू तस्करों में विवाद होते रहा है।

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