चतरा (झारखंड) : दो बार के विधायक रहे और भाजपा के दिग्गज नेता जयप्रकाश सिंह भोगता ने पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर दिखलाया है। उन्होंने चतरा लोकसभा से निर्दलीय ताल ठोकने का ऐलान कर दिया है। उनके उम्मीदवारी की घोषणा से इस भीषण गर्मी में भी भाजपा सहित अन्य दलों व उम्मीदवारों में हलचल मचा दी है। चतरा जिले के गिद्धौर प्रखंड के तिलैया निवासी जयप्रकाश सिंह भोगता दो बार के विधायक रह चुके हैं और उनके पिता दिवंगत महेंद्र सिंह भोक्ता भी चतरा के दो बार विधायक रह चुके हैं।
वे एकीकृत बिहार में भाजपा के जमीन से जुड़े कद्दावर नेता थे। जयप्रकाश सिंह भोक्ता फिलहाल भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य और एससी मोर्चा के उड़ीसा प्रभारी हैं। उन्होंने पत्रकारों को फोन से लोकसभा चुनाव में निर्दलीय के रूप में भाग्य आजमाने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि वे सिमरिया विधानसभा से पहली बार झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर विधायक 2009 में चुने गए थे। मार्च 2014 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली थी। उसके बाद 2014 में भाजपा के टिकट पर चतरा विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। 2019 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था और चतरा से पूर्व विधायक जनार्दन पासवान को मौका दिया था।
उसके बाद से जयप्रकाश सिंह भोक्ता नेपथ्य में चले गए थे। हाल के दो वर्ष पहले अनुसूचित जाति मोर्चा में राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य बनाए गए थे। उसके बाद संगठन में सक्रियता दिखलाई। चतरा लोकसभा में भाजपा के टिकट के लिए उनका उछला था। भाजपा ने चतरा के सोनबिगहा निवासी कालीचरण सिंह को टिकट दे दिया था। उसके बाद से जयप्रकाश सिंह भोगता नाराज चल रहे थे। नॉमिनेशन से एक सप्ताह पहले उन्होंने निर्दलीय के रूप में दावेदारी कर चतरा की राजनीति में भूचाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे अपने समर्थकों के भावनाओं का ख्याल रखते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बनाया है। एक-दो दिनों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वे अपनी बात रखेंगे और नामांकन का डेट तय करेंगे।