चतरा: झारखंड में चतरा लोकसभा चुनाव में बाहरी और भीतरी को लेकर नेताओं के द्वारा बयान बाजी की जा रही है। इस बार यहां स्थानीयता के मुद्दे पर कई दल अपने प्रत्याशी दिए हैं और घोषणा पत्र में भी लोकल का नाम उछल रहा है। ऐसे में महागठबंधन के प्रत्याशी ने 500 साल पुराना इतिहास सामने रखा है और कई राज खोले हैं।
पलामू के चेरोवंश और मेरे पूर्वजों का इतिहास 500 साल पुराना है। हम दोनों यहां के मूल निवासी हैं और मेरा खतियान 1532 का है। उक्त बातें महागठबंधन के प्रत्याशी व पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कही। वे चतरा के कई गांव का दौरा कर रहे थे। इसी क्रम ने उन्होंने कहा कि पलामू किला इसी चतरा लोकसभा का हिस्सा है। 500 साल पहले पलामू किला में चेरो राजा और मेरे पूर्वज बैठा करते थे। 1532 का खतियान मेरे पास है।हम यहां के प्राचीन मूल निवासी हैं। पलामू राजा के द्वारा मेरे पूर्वजों को राकी कला गांव दान में दिए थे। आज भी हमारे परिजन वहां निवास करते हैं और राखी कला गांव मनिका प्रखंड का हिस्सा है। चतरा लोकसभा के पांच विधानसभा में मनिका भी शामिल है। लोग बिहार और झारखंड का खतियान दिखलाते हैं लेकिन उससे पहले 1532 का खतियान मेरे पास है।
चेरो राजा का इतिहास और मेरे पूर्वजों का इतिहास एक साथ का है। चतरा लोकसभा चुनाव में विरोधी बाहरी होने का भ्रम फैला रहे हैं। जो सरासर गलत है। वहीं यहां के मूल निवासी है और इनका इतिहास वंशज से चला आ रहा है। मेरे परिवार के लोग आज भी मनिका विधानसभा में निवास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज तक चतरा लोकसभा में कोई मजबूत नेता सामने नहीं आया जो यहां के लोगों की बात लोकसभा में रखा हो। ऐसे में महागठबंधन ने उन पर विश्वास जताया है और वे चतरा लोकसभा वासियों के विश्वास पर खड़ा उतरेंगे। यहां की जनमानस की आवाज को प्रमुखता से लोकसभा में रखा जाएगा। विरोधी 1932 के खतियान धारी हैं या नहीं वे ही जानें। विरोधियों के द्वारा जो प्रोपगेंडा फैलाई जा रहा है उसका मुंहतोड़ जवाब यहां की जनता देगी। उन्होंने कहा कि लगातार 10 साल भाजपा ने यहां शासन किया है और स्थिति जस की तस है। व